झाग अच्छे नहीं है
ये advertisement का प्रभाव समझो या अपनी मानसिकता ऐसी बन गई हैं कि ज्यादा झाग अच्छा है, फिर वो साबुन से हो या शैंपू से।
पर वास्तविकता में ये प्रकृति के विपरित है। दरसल जहा झाग हो वो खराब होने की तैयारी में है.....पानी में झाग हो तो उसका उपयोग करते है?
जितने अधिक झाग उतने अधिक केमिकल....तो हम लोग सर्फ-एक्सेल से सिर क्यों नही धोते?..उससे तो बोहोत झाग आते है..
दूसरी बात कि झाग का सफाई के साथ कोई खास लेना देना भी नही है।
बेसन और मुल्तानी मिट्टी से झाग बिना शरीर की अच्छे से सफाई हो सकती है
इसी तरह त्रिफला काढ़ा से बालों की..
बुद्धि से काम लीजिए
"झाग अच्छे नहीं है"
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