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Showing posts from July, 2023

स्वास्थ्य का शॉटकट

हम लोग रोज की जीवन चर्या में किसी ना किसी निदान (causative factors of disease) का सेवन करते ही हैं और जो सामान्यत: वैद्य के द्वारा परहेज के तौर पर बंद भी कराया जाता है। क्या ऐसा कुछ हो सकता है के है, हम अपनी मर्जी से जिये और स्वस्थ भी रहे? (साप भी मरे और लाठी भी ना टूटे) अगर आपको सब खाना पीना हो और लाइफ स्टाइल में कोई बदलाव भी ना करना हो तो स्वस्थ रहने का सबसे सरल शॉर्टकट है: " व्यायाम " आयुर्वेद के हिसाब से व्यायाम से बढ़ी हुई अग्नि(Digestion and Metabolism Power) से किसी भी तरह का अपथ्य भी शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। Walking, Running, Exercises और sports को जीवनमें उचित स्थान दीजिए। (स्वस्थ रहने के लिए) व्यायाम कीजिए या खाने-पीने और रहने में परहेज कीजिए  व्यायाम करवानु...* बधु खावानु...** मज्जानी लाइफ… ( *व्यायाम के नियम के अनुसार  **भूख और पेट को समझ कर) Watch on Instagram

Complimentary Unhealth

Un healthy Compliment “मुफ्त” का अस्वास्थ्य   सामान्यतः  हम खाने-पीने पर ध्यान देते ही हैं। और अवेरनेस के कारण अनहेल्दी खाना एवॉइड भी करते हैं   लेकिन किसी पार्टीमें ,   दावत या शादी-ब्याह में , कई बार कंप्लीमेंट्री या उपहार के रूप में , तो कभी-कभी ऑफिस में हम लोग अनहेल्थी फूड जैसे कि चाय , कॉफी , कोल्डड्रिंक , आइसक्रीम , चॉकलेट, स्वीट , फास्ट फूड आदि ले ही लेते हैं मानो जेसे मौका मिल गया हो।   चंद किस्सों में किसी खास रिलेशन की वजह से जोर जबरदस्ती खाना पड़े तो भी ठीक है,  पर बाकी के मामलों में ?   एसा तो बिल्कुल नहीं ही की एसे मौके बिना ये सब खाने-पीने की हमारी फाइनेंसियल कंडीशन नहीं है। फिर चाहे  बेकार या   नुकसान करने वाली चीज ही हो , पर मुफ्तमें मिले वो ले ही लेना है ऐसी अपनी छुपी हुई मानसिकता तो नहीं ? ( मुफ्त का फायदा, जाने नहीं देना!)   मुफ्त में जहर मिलेगा तो भी खा लेगे ?   मन की क्षुद्र इच्छाओंका डट कर इनकार करे... सरल, सतर्क, सहर्ष ही “अस्वास्थ्य” अस्वीकार करे... Watch on Instagr...

झाग अच्छे नहीं है

ये advertisement का प्रभाव समझो या अपनी मानसिकता ऐसी बन गई हैं कि ज्यादा  झाग अच्छा है, फिर वो साबुन से हो या शैंपू से। पर वास्तविकता में ये प्रकृति के विपरित है। दरसल जहा झाग हो वो खराब होने की तैयारी में है.....पानी में झाग हो तो उसका उपयोग करते है? जितने अधिक झाग उतने अधिक केमिकल....तो हम लोग सर्फ-एक्सेल से सिर क्यों नही धोते?..उससे तो बोहोत झाग आते है.. दूसरी बात कि झाग का सफाई के साथ कोई खास लेना देना भी नही है। बेसन और मुल्तानी मिट्टी से झाग बिना शरीर की अच्छे से सफाई हो सकती है इसी तरह त्रिफला काढ़ा से बालों की.. बुद्धि से काम लीजिए "झाग अच्छे नहीं है" Watch on Instagram